अगर आपने भी क्लास 10 पास कर ली है या क्लास 10 पास करने वाले हैं तो आप भी यह सोच रहे होंगे कि 10th ke baad kya kare आपके मन में भी यह सवाल आ रहा होगा कि दसवीं के बाद कौन सा सब्जेक्ट ले ।
अगर आपके मन में भी यह सवाल है कि 10वीं के बाद क्या करें तो आपको कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के इस लेख में मैं आपको बताऊंगा कि आप दसवीं क्लास के बाद कौन सा सब्जेक्ट ले सकते हैं और आपके सामने कौन-कौन से विकल्प है ।
सभी विद्यार्थियों को दसवीं क्लास पास करने के बाद विषय को चुनने में दिक्कत आती है, सभी विद्यार्थी यह सोचते हैं कि मैं कौन सा विषय लूं जिसमें मेरा भविष्य बन सके और विद्यार्थी यह भी सोचते हैं कि कौन सा विषय सबसे अच्छा है ताकि मैं उस विषय में अच्छे अंक ला सकूं जिससे मुझे अच्छी नौकरी हासिल करने में कोई दिक्कत ना हो तो आपको इन सभी प्रश्नों के जवाब इस लेख के अंत तक जरूर मिल जाएंगे कि आप दसवीं के बाद कौन सा सब्जेक्ट ले?
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10th ke baad kya kare
हमारे देश में कक्षा 10 तक सभी विद्यार्थियों को एक समान विषय भी पढ़ाए जाते हैं और जैसे ही हम कक्षा 10 को पास कर लेते हैं उसके बाद सभी छात्रों को यह तय करना होता है कि वह कक्षा 11 व कक्षा 12 में कौन सा विषय लेना चाहते हैं क्योंकि यह हमारे केरियर के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है और जिस विषय में हमें रूचि होती है वही विषय अगर हम कक्षा 11 में ले लेते हैं तो यह हमारे लिए फायदेमंद भी होता है।
आप जिस भी विषय का चयन कक्षा 11 में करते हैं उसी विषय मैं आपको कक्षा 11 व 12 को पास करना होता है और उसी विषय के आधार पर ही आपको 12वीं क्लास पास करने के बाद कॉलेज में पढ़ना होता है।
क्लास 10 के बाद सभी विद्यार्थियों के पास बहुत सारे ऑप्शन होते हैं इन सभी ऑप्शन को हमने 4 भागों में बांट रखा है तो चलिए अब हम जान लेते हैं कि क्लास 10 के बाद कौन सा सब्जेक्ट ले –
इन विषय को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा गया है जो कि इस प्रकार है-
- Science (विज्ञान)
- COMMERCE (वाणिज्य)
- Arts (कला)
- Professional Courses (प्रोफेशनल कोर्स)
1. 10वीं के बाद साइंस (Science)
साइंस एक बहुत ही प्रचलित विषय है इस विषय को लगभग 60 से 70% स्टूडेंट लेते हैं साइंस विषय बहुत से विद्यार्थियों और उनके माता-पिता के लिए पहली पसंद होता है इन तीनों विषयों में साइंस सबसे कठिन विषय होता है ।
साइंस एक बहुत ही अट्रैक्टिव विषय होता है इस विषय में विद्यार्थी किसी भी चीज का प्रेडिक्शन नहीं कर सकते हैं बल्कि उसको साबित करना होता है साइंस विषय इसलिए भी ज्यादा विद्यार्थी लेते हैं क्योंकि साइंस विषय लेने वाले विद्यार्थियों के पास के लिए में ज्यादा कैरियर अपॉर्चुनिटी होती है जैसे की साइंस विषय लेने वाले विद्यार्थी इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईटी, नेवी, एयर फोर्स और कंप्यूटर की पढ़ाई कर सकते हैं ।
साइंस विषय लेने का सबसे बड़ा फायदा यह भी होता है की अगर आपने 11वीं और 12वीं कक्षा में साइंस ले रखा है और अगर आप कॉलेज में अन्य कोई विषय जैसे आर्ट्स या कॉमर्स लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं यानी आप अपनी ग्रेजुएशन में अपना स्ट्रीम बदल सकते हैं आप अपना विषय साइंस से ही बदल सकते हैं साइंस के अलावा किसी अन्य और स्ट्रीम से आप अपना विषय नहीं बदल सकते हैं ।
साइंस स्ट्रीम में कौन कौन से विषय होते हैं?
अगर कोई विद्यार्थी साइंस स्ट्रीम ले लेता है तो उसमें विद्यार्थियों को 2 अनिवार्य विषयों (हिंदी और इंग्लिश) की पढ़ाई करनी होती है इसके साथ साथ तीन अन्य विषय लेने होते हैं उन तीन में से फिजिक्स और केमिस्ट्री अनिवार्य विषय होते हैं तथा मैथ और बायलॉजी में कोई एक विषय चुन सकता है और अगर कोई विद्यार्थी मैथ और बायोलॉजी दोनों को लेना चाहता है तो वह भी ले सकता है ।
- Physics
- Chemistry
- Mathematics
- Biology
- English
- Hindi या अन्य कोई भाषा
साइंस स्ट्रीम मुख्यत: 3 भागों में बटा हुआ है:
- PCM (Physics, Chemistry, Math) – इंजीनियरिंग या अन्य कोई कोर्स करने के लिए
- PCB (Physics, Chemistry, Biology) – केवल मेडिकल के छात्रों के लिए
- General Group (PCMB): Physics, Chemistry, Math, Biology – इसमें आप चारों में से एक साथ ले सकते हैं जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ और बायोलॉजी
इन तीनों में फिजिक्स और केमिस्ट्री कॉमन होते हैं या आप इन्हें अनिवार्य विषय भी कह सकते हैं जो भी विद्यार्थी साइंस स्ट्रीम लेता है उसे फिजिक्स और केमिस्ट्री विषय को लेना ही होता है
PCM (Physics, Chemistry, Math)
PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ) इसमें विद्यार्थियों के पास फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ गणित विषय होता है इसको हम नॉन मेडिकल भी बोल सकते हैं यानी अगर हम पीसीएम ले लेते हैं तो हम मेडिकल की तैयारी नहीं कर सकते हैं पीसीएम कि ग्रुप वाले विद्यार्थी इंजीनियरिंग में अपना कैरियर बना सकते हैं इसके अलावा IT और अन्य क्षेत्रों में अपना कैरियर बना सकते हैं ।
PCB (Physics, Chemistry, Biology)
PCB ( फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) इसमें विद्यार्थियों के पास फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ बायोलॉजी विषय होता है इसको हम मेडिकल विषय भी बोल सकते हैं यानी अगर आप किसी भी ले लेते हैं तो आप मेडिकल की तैयारी करके डॉक्टर बन सकते हैं पीसीबी के ग्रुप वाले विद्यार्थी अपना कैरियर डॉक्टरी में बना सकते हैं ज्यादातर यही देखा जाता है कि जो विद्यार्थी पीसीबी विषय लेता है वह अपना केरियर मेडिकल में ही बनाता है ।
General Group (PCMB)
पी सी एम बी (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ और बायोलॉजी) इस केटेगरी में विद्यार्थी के पास फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ के साथ-साथ बायोलॉजी विषय भी होता है यानी हम यह भी बोल सकते हैं कि साइंस विषय के सभी सब्जेक्ट इस केटेगरी में होते हैं इन चारों विषयों के साथ-साथ विद्यार्थी को दो अनिवार्य विषय हिंदी इंग्लिश की भी पढ़ाई करनी होती है इस श्रेणी में आप मेडिकल में भी अपना कैरियर बना सकते हैं और इंजीनियरिंग में भी अपना कैरियर बना सकते हैं इस श्रेणी में पढ़ाई बहुत ही कम लोग ही करते हैं ।
साइंस स्ट्रीम के कैरियर ऑप्शन क्या हैं?
11वीं और 12वीं कक्षा में साइंस विषय लेने वाले विद्यार्थियों के सामने अपने कैरियर के बहुत सारे ऑप्शन होते हैं इनमें से कुछ प्रमुख कैरियर विकल्प यह है-
- डॉक्टर
- इंजीनियर
- आईटी
- शोध (research)
- मर्चेंट नेवी
- नेवी
- एयरफोर्स
10th के बाद साइंस लेने के फायदे
दसवीं कक्षा के बाद साइंस विषय लेने वाले विद्यार्थियों के बहुत सारे फायदे होते हैं इनमें से सबसे पहला फायदा यही है कि आप ग्रेजुएशन में अपना स्ट्रीम बदल सकते हैं तथा इसमें आप बहुत सारे कोर्स भी कर सकते हैं ।
2. 10वीं के बाद कॉमर्स (Commerce)
दसवीं कक्षा को पास करने के बाद सबसे कम विद्यार्थी होते हैं जो कि कॉमर्स विषय को लेते हैं इस विषय को वही विद्यार्थी लेते हैं जिनकी रूचि बिज़नस, फाइनेंस और एकाउंटिंग में होती है क्योंकि कॉमर्स एक ऐसा विषय होता है जिसमें विद्यार्थियों को ट्रेड, बिजनेस और फाइनेंस के बारे में पढ़ना होता है ।
अगरकिसी विद्यार्थी को फाइनेंस और अकाउंटिंग में रुचि है तो वह विद्यार्थी कॉमर्स विषय ले सकता है इस विषय में आप CA भी बन सकते हैं तथा इस विषय के साथ आप अच्छी बैंकिंग और इनकम टैक्स की नौकरी पा सकते हैं ।
कॉमर्स स्ट्रीम में कौन कौन से विषय होते हैं?
कॉमर्स स्ट्रीम में भी साइंस की तरह है हिंदी और इंग्लिश तो अनिवार्य विषय होते हैं इसके साथ साथ तीन अन्य विषय आप अपनी इच्छा से ले सकते हैं
- एकाउंटेंसी (accountancy)
- बिजनेस स्टडीज (business studies)
- अर्थशास्त्र (economics)
- अंग्रेज़ी (English)
- गणित (mathematics)
- इंफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस (informatics practices)
- एंटरप्रेन्योरशिप (entrepreneurship)
- फिजिकल एजुकेशन (physical education)
कॉमर्स स्ट्रीम के कैरियर ऑप्शन क्या हैं?
दसवीं कक्षा के बाद कॉमर्स स्ट्रीम लेने वाले विद्यार्थियों के सामने केरियर में कौन कौन से ऑप्शन होते हैं-
- Banking
- Accountancy
- TAX Department
- CA
- Finance Planning
- MBA
3. 10वीं के बाद आर्टस (Arts)
कुछ लोगों का मानना यह भी है कि जो विद्यार्थी कमजोर होते हैं वह आज ही लेते हैं जिनके दसवीं कक्षा में कम अंक आते हैं वह विद्यार्थी आर्ट्स पढ़ते हैं पर यह बिल्कुल गलत है क्योंकि ज्यादातर वही विद्यार्थी क्योंकि वही विद्यार्थी आर्ट्स सब्जेक्ट लेते हैं जो कि हिस्ट्री इतिहास आदि में रुचि रखते हैं ।
साइंस स्ट्रीम के बाद विद्यार्थी सबसे ज्यादा आर्ट्स स्ट्रीम ही लेते हैं यह स्ट्रीम भी एक अच्छी स्ट्रीम होती है तीनों स्ट्रीम में से यह सबसे सरल मानी जाती है।
अगर कोई विद्यार्थी कला में अपना कैरियर बनाना चाहता है या इंटरेस्ट रखता है तो आपके लिए आर्टस सबसे अच्छा और फायदेमंद विषय होता है जो विद्यार्थी गवर्नमेंट जॉब या सरकारी नौकरी की तैयारी करना चाहते हैं उन विद्यार्थियों के लिए आर्टस सबसे बेहतर विषय होता है क्योंकि आर्टस में आप उन सभी विषयों का अध्ययन कर सकते हैं जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।
आर्टस स्ट्रीम में कौन कौन से विषय होते हैं?
जैसा कि आप जानते हैं साइंस और कॉमर्स की तरह है आर्ट्स में भी आपके दो अनिवार्य सब्जेक्ट हिंदी और इंग्लिश होते हैं इसके अलावा आपको 3 विषय और लेने होते हैं-
- History
- Geography
- English
- Hindi
- Political Science
- Economics
- Physical Education
- Sociology
- Psychology
आर्टस स्ट्रीम के कैरियर ऑप्शन क्या हैं?
दसवीं कक्षा के बाद आर्टस स्ट्रीम लेने वाले विद्यार्थियों के सामने केरियर में कौन कौन से ऑप्शन होते हैं-
- Civil Services
- journalist
- lawer
- teacher
- Management
- Govt. Job
10th के बाद आर्टस लेने के फायदे
जो विद्यार्थी आर्ट्स स्ट्रीम लेते हैं वह पढ़ाई के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी करते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि आर्ट्स स्ट्रीम साइंस और कॉमर्स से थोड़ा सरल होता है तो इसके साथ साथ कोई भी विद्यार्थी अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकता है ।
जो विद्यार्थी यूपीएससी (IAS और IPS) की तैयारी करते हैं उन विद्यार्थियों के लिए आर्ट्स स्ट्रीम बहुत ही अच्छा हो सकता है क्योंकि यूपीएससी की परीक्षा में सभी विषयों से रिलेटेड प्रश्न पूछे जाते हैं तो कोई भी विद्यार्थी आर्ट्स स्ट्रीम के साथ-साथ अपने अन्य विषयों की तैयारी भी आसानी से कर सकता है ।
4. 10वीं के बाद Professional Courses (प्रोफेशनल कोर्स)
कुछ ऐसे भी विद्यार्थी होते हैं जो कि 11वीं और 12वीं की पढ़ाई नहीं करना चाहते इसकी बजाय वी कोई ऐसा कोर्स करना चाहते हैं जिससे उनको आसानी से नौकरी मिल सके तो अब हम कुछ ऐसे कोर्स के बारे में भी जान लेते हैं जिनको करके विद्यार्थी कुछ पार्ट टाइम काम भी कर सकते हैं-
1. पॉलीटेक्निक (Polytechnic) कोर्स
जो विद्यार्थी इंजीनियरिंग में रुचि रखते हैं और वे 12वीं पास किए बिना ही इंजीनियर बनना चाहते हैं तो उनके लिए पॉलिटेक्निक का कोर्स बहुत ही अच्छा है पॉलिटेक्निक का कोर्स भी एक प्रकार से इंजीनियरिंग होती है दसवीं पास करने के बाद कोई भी विद्यार्थी पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले सकता है यह कोर्स 3 साल में पूरा होता है ।
अगर कोई भी विद्यार्थी पॉलिटेक्निक का कोर्स कर लेता है और उसमें अच्छे नंबर ले आता है तो वह है आसानी से अच्छी जॉब पा सकता है, कुछ विद्यार्थी ऐसे भी हैं जो इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि दसवीं के बाद जल्द ही इंजीनियर कैसे बने तो उनके लिए पॉलिटेक्निक का कोर्स बहुत ही अच्छा रहेगा ।
नीचे दिए गए कुछ ऐसे प्रमुख पॉलिटेक्निक के कोर्स है जो कोई भी विद्यार्थी दसवीं पास करने के बाद कर सकता है-
- डिप्लोमा इन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग
- डिप्लोमा इन पेट्रोलियम इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन
- डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन विद्युत अभियन्त्रण
- डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन आईटी इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन खनन अभियांत्रिकी
- डिप्लोमा इन जैव प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन प्लास्टिक इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी
- डिप्लोमा इन कृषि इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन पॉवर इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन उत्पादन अभियांत्रिकी
- डिप्लोमा इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
इन सभी पॉलिटेक्निक के कोर्स को करके आप किसी कंपनी में जॉब भी कर सकते हैं और आगे पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप B.Tech भी कर सकते हैं पॉलिटेक्निक का कोर्स करने के बाद आपको बी टेक में सीधे सेकंड ईयर में प्रवेश मिलेगा ।
2. आईटीआई (ITI) कोर्स
अगर आप दसवीं कक्षा के बाद एक-दो साल में ही जॉब करना चाहते हैं तो आप आईटीआई का कोर्स करके कोई भी जॉब कर सकते हैं यह कोर्स आप दसवीं कक्षा पास करने के तुरंत बाद कर सकते हैं इस कोर्स की अवधि 1 साल से लेकर 3 साल तक होती है-
यह कुछ प्रमुख आईटीआई के कोर्स जिन्हें आप दसवीं पास करने के बाद आसानी से कर सकते हैं-
- टूल एंड डाई मेकर इंजीनियरिंग – 3 साल
- फिटर इंजीनियरिंग – 2 साल
- डीजल – 1 वर्ष
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग – 1 साल
- पंप ऑपरेटर – 1 साल
- स्टेनो – 1 साल
- रेफ्रिजरेशन इंजीनियरिंग – 1 साल
3. पैरामेडिकल (Paramedical) कोर्स
भारत में ऐसे बहुत से पैरामेडिकल कोर्स है जोकि कई इंस्टिट्यूट करवाते हैं और विद्यार्थियों को डिप्लोमा और सर्टिफिकेट देती है कुछ ऐसे पैरामेडिकल कोर्स है जो कि कोई भी विद्यार्थी जो की दसवीं पास है वह कर सकता है पर कुछ ऐसे कोर्स है जिन्हें वही विद्यार्थी कर सकता है जिन्होंने 12वीं कक्षा में विज्ञान में पीसीबी यानी बायोलॉजी विषय ले रखा हो तो अगर आप भी दसवीं पास है तो आप पैरामेडिकल का कोर्स कर सकते हैं ।
अगर आपने दसवीं कक्षा पास कर रखी है तो मैं आपको बताता हूं कि इसमें कौन से कोर्स और डिप्लोमा है जिन्हें आप कर सकते हैं वह अपना कैरियर पैरामेडिकल में बना सकते हैं-
दसवीं के बाद पैरामेडिकल कोर्स
दसवीं क्लास पास करने के बाद आप दो प्रकार के पैरामेडिकल कोर्स कर सकते हैं जिसमें पहला होता है डिप्लोमा कोर्स तथा दूसरा होता है सर्टिफिकेट कोर्स, पैरामेडिकल में डिप्लोमा कोर्स की अवधि 1 साल से लेकर 2 साल की होती है तथा सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि 3 महीने से लेकर 1 साल तक की होती है।
दसवीं कक्षा के बाद पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स
अगर आपने किसी भी रिकॉग्नाइज्ड बोर्ड से दसवीं कक्षा पास कर रखी है तो आप यह डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं इस कोर्स की अवधि 1 साल से लेकर 3 साल तक की होती है डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप किसी भी प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिक, गवर्नमेंट स्वास्थ्य केंद्र तथा किसी भी अस्पताल की प्रयोगशाला में सहायक के रूप में काम कर सकते हैं ।
पैरामेडिकल के प्रमुख डिप्लोमा कोर्स
- डिप्लोमा इन X-Ray टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन ओ.टी टेक्निशियन
- डिप्लोमा इन ऑक्यूपेशनल थेरेपी
- डिप्लोमा इन डेंटल हाइजीनिस्ट
- डिप्लोमा इन फिजियोथैरेपी
- डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्निक्स
- डिप्लोमा इन नर्सिंग केयर असिस्टेंट
- डिप्लोमा इन ECG टेक्नोलॉजी
दसवीं कक्षा के बाद पैरामेडिकल सर्टिफिकेट कोर्स – अगर आपने दसवीं पास कर रखी है तो आप पैरामेडिकल में सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं सर्टिफिकेट कोर्स की समय सीमा 6 महीने से लेकर 2 साल तक की होती है।
पैरामेडिकल के प्रमुख सर्टिफिकेट कोर्स
- सर्टिफिकेट इन होम बेस्ड हेल्थ केयर
- सर्टिफिकेट इन जनरल ड्यूटी असिस्टेंट
- सर्टिफिकेट इन डायलिसिस टेक्नीशियन
- सर्टिफिकेट इन टेक्नीशियन लैब असिस्टेंट
- सर्टिफिकेट इन ECG एंड CT स्कैन टेक्नीशियन
- सर्टिफिकेट इन एच आई वी एंड फेमिली एजुकेशन
- सर्टिफिकेट इन होम बेस हेल्थ केयर
- सर्टिफिकेट इन डेंटल असिस्टेंट
- सर्टिफिकेट इन रूरल हेल्थ केयर
- सर्टिफिकेट इन x-Ray टेक्नीशियन
4. अन्य शॉर्ट टर्म कोर्स
आज के समय में अगर किसी विद्यार्थी में कोई स्किल है तो उस विद्यार्थी को या उस व्यक्ति को जल्दी नौकरी मिलती है तो अगर आप भी किसी ऐसी फील्ड में रुचि रखते हैं तो आप उस फील्ड से रिलेटेड कोई शॉर्ट टर्म कोर्स कर सकते हैं और उसका सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं ताकि आपको जल्द से जल्दी अच्छी नौकरी मिल सके ।
तो मैं आपको नीचे कुछ ऐसे शॉर्ट टर्म कोर्स को बता रहा हूं जिन्हें करने में लगभग 6 महीने से लेकर 2 साल का समय लगेगा और आपको अच्छी नौकरी मिल जाएगी-
- होटल मैनेजमेंट कोर्स
- सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन कोर्स
- वेब डिजाइनिंग कोर्स
- डिप्लोमा इन फोटोग्राफी कोर्स
- डिप्लोमा इन डिजिटल मार्केटिंग कोर्स
- कंटेंट राइटिंग कोर्स
- ग्राफ़िक डिजाइनिंग कोर्स
- एग्री – बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स
- जर्नलिस्ट कोर्स
- आग और सुरक्षा कोर्स
- फैशन डिजाइनिंग कोर्स
Science vs Arts vs Commerce : इनमें से कौन सा सबसे अच्छा है?
इस सवाल का जवाब देना थोड़ा मुश्किल होगा क्योंकि सभी स्ट्रीम अपनी जगह है पर सही है चाहे Science, Arts या Commerce कोई भी हो इनमें से कोई भी स्ट्रीम खराब नहीं है जिस विद्यार्थी की रूचि जिस स्ट्रीम में होती है वह विद्यार्थी उसी स्ट्रीम को लेता है तो किसी भी स्ट्रीम को गलत बताना सही नहीं होगा ।
ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि जो विद्यार्थी जिस विषय पर ज्यादा ध्यान देगा वह विद्यार्थी उसी विषय में ज्यादा रुचि लेगा और वह उसी विषय में ज्यादा होशियार होगा इसलिए आप किसी भी स्ट्रीम को गलत नहीं बता सकते है।
10th ke baad kya kare FAQs
Q.- 10th ke baad kya kare?
- विज्ञान (Science) से इंटर
- वाणिज्य (Commerce) से इंटर
- कला (Arts/ Humanities) से इंटर
- पॉलीटेक्निक (Polytechnic) कोर्स
- आईटीआई (ITI) कोर्स
- पैरामेडिकल (Paramedical) कोर्स
- शॉर्ट टर्म (Short Term) कोर्स
- नौकरी (Job)
निष्कर्ष
मुझे आशा है कि आपको हमारा यह लेख 10th के बाद क्या करें पसंद आया होगा और मैंने आपको जितनी हो सके उतनी जानकारी 10th ke baad kya kare से रिलेटेड दे दी है तो आपको इससे संबंधित किसी दूसरे वेबसाइट या इंटरनेट पर किसी भी आर्टिकल को देखने की जरूरत नहीं होनी चाहिए ।
अगर आपको इस लेख 10th ke baad kya kare से संबंधित कोई शिकायत है या इस लेख में कोई दिक्कत है तो आप हमारे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें बता सकते हैं हम आपके कॉमेंट का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे ।
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